कुंडी में चटनी रगड़ना क्यों जरूरी है?
भोजन में जो आयरन होता है उसको शरीर में absorb करने के लिये विटामिन c की आवयश्कता पड़ती है । जिस लिये सनातन आयुर्वेदिक वैज्ञानिकों ने चटनी का अविष्कार किया ।

सनातन आयुर्वेदिक उपकरणों जैसे कुंडी सोटे में रगड़ी गई चटनी को भोजन के साथ खाने से आपको निम्नलिखित लाभ होते हैं ।

1. आपको और आपके बच्चों iron के साथ साथ विटामिन c भी मिलता है जिससे आप स्वस्थ रहते हैं ।आपको केमिकल्स से तैयार ऊल्लू पैथी की गोलियां नहीं खानी पड़ती ।
2. आपको gym के गन्दी हवा में पसीना बहाने की जरूरत नहीं पड़ती । कुंडी में चटनी रगड़ने से आप की कसरत भी होती रहती है और आपके भोजन का स्वाद भी बढ़ जाता है ।
3. चटनी में आप आवश्कता के अनुसार आयुर्वेदिक औषधियों जैसे गिलोय ,कच्चे आम ,पुदीना, धनियां ,काली मिर्च ,अनारदाना , कच्चे प्याज ,मरुआ आदि डाल सकते हैं ।

4.जब आप mixer में चटनी बनाते हैं तो कई औषधियों में कई प्रकार के रस होते हैं जो केवल कूटने से निकलते हैं ।
उदहारण के लिये प्याज में विशेष प्रकार की झिल्ली होती है । जो प्याज पर प्रहार करने पर ही रस छोड़ती है काटने पर नहीं । इसलियें सनातन भारत में पहले मुक्के से प्याज तोड़ा जाता था । ऐसा नहीं है कि चाकू सनातन भारत मे उपलब्ध नहीं था ।
5. कई प्रकार की सब्जियों के लिए मसाले जैसे करेले के लिये मसाला अगर हम मिक्सी के स्थान पर सनातन आयुर्वेदिक उपकरणों जैसे कुंडी सोटे में रगड़ें तो आपके घर में भरावें करेले बनने का पता साथ वाले मोहल्ले को भी लगता है ।
6. कई सनातन आयुर्वेदिक शरबत जैसे ठंडाई आदि असल कुंडी में ही बनते हैं । ठंडाई में जब बादाम ,काली मिर्च और मगज आदि रगड़े जातें हैं तो आप के दिमाग को तरावट और रूह को सकूँन मिलता है । ठंडा मतलब कोका कोला नहीं ,कुंडी सोटे में रगड़ी हुई ठंडई होती है ।
आपके सनातन वैज्ञानिक पूर्वजों ने आपको इतना अच्छा भोजन दिया और अपने अपने बच्चों क्या दिया , केमिकल युक्त और बासी मैग्गी ,बॉर्नविटा ,कुरकुरे, बरगर आदि ।अपने पूर्वजों का ज्ञान विज्ञान अपनी आनी वाली पीढ़ी को देना आपकी जिम्मेदारी है आप इससे बच नही सकते ।
आप भी आज ही अपने घर में कुंडी सोटा लेकर आएं । अगर सोटा नीम के पेड़ का मिल जाये तो अति उत्तम ।

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मूर्ति के हाथ मे जो डमरू देख रहे हो ना, वो पत्थर का है। ये तो कुछ भी नही है,डमरू पर जो रस्सी देख रहे हो ना, वह भी पत्थर की है। ओर तो ओर आप पत्थर की रस्सी के निचे उंगली भी डाल सकते हो इतनी जगह है।हुआ ना आश्चर्य।


अब जरा सोचिए बिना किसी तकनीक के क्या केवल छेनी और हथौड़ी से यह सब कैसे संभव है।
एक हल्की सी गलत चोट क्या पूरी मूर्ति को खराब नहीं कर सकती थी।
और अगर छेनी -हतोड़े से संभव है तो आज इतनी तकनीक के बावजूद भी इतनी सटीकता से कोई इसकी प्रतिलिपि क्यों नहीं बना पाता है।

ऐसे हजारों आश्चर्य है सनातन में लेकिन कुछ वामपंथी इतिहासकारों ने इनको आश्चर्य ही बनाकर रहने दिया किसी के सामने आने ही नहीं दिया और हमारी विडंबना देखिए कि हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन हमें हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई इन महान कलाकृतियों का ज्ञान भी नहीं है।

धन्य है हमारे वह पूर्वज जिन्होंने यह सब कुछ बनाया धन्य है हमारी सनातन संस्कृति।

केशव मन्दिर,कर्नाटक
महान गणितज्ञ आर्यभट ने अपनी पुस्तक ‘आर्यभटीय’ में 120 सूत्र दिए. पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना, पाई का सटीक मान, सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण की व्याख्या, समयगणना, त्रिकोणमिति, ज्यामिति, बीजगणित आदि के कई सूत्र व प्रमेय


आधुनिक विज्ञान से कई वर्षों पहले हमें आर्यभट द्वारा रचित ‘आर्यभटीय’ में मिलते हैं.

1. 🌺🌺🌺पृथ्वी का घूमना🌺🌺🌺

अनुलोमगतिर्नौस्थः पश्यत्यचलं विलोमगं यद्वत्।
अचलानि भानि तद्वत् समपश्चिमगानि लंकायाम्।।
(आर्यभटीय, गोलपाद, श्लोक 9)


अर्थ: जिस प्रकार से नाव में बैठा हुआ मनुष्य जब प्रवाह के साथ आगे बढ़ता है तो उसे लगता है कि पेड़-पौधे, पत्थर और पर्वत आदि उल्टी गति से जा रहे हैं. उसी प्रकार अपनी धुरी पर घूम रही पृथ्वी से जब हम नक्षत्रों की ओर देखते हैं तो वे उल्टे दिशा में जाते हुए दिखाई देते हैं.


इस श्लोक के जरिए आर्यभट ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि पृथ्वी भी अपनी धुरी पर घूमती है.

2. 🌺🌺🌺पाई का मान🌺🌺🌺

चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाषष्टिस्तथा सहस्राणाम्।
अयुतद्वयस्य विष्कम्भस्यासन्नो वृत्तपरिणाहः॥
(आर्यभटीय, गणितपाद, श्लोक 10)


अर्थ: 100 में चार जोड़ें, आठ से गुणा करें और फिर 62000 जोड़ें. इस नियम से 20000 परिधि के एक वृत्त का व्यास ज्ञात किया जा सकता है.
(100 + 4) x 8 +62000/ 20000= 3.1416
इसके अनुसार व्यास और परिधि का अनुपात (2πr/2r) यानी 3.1416 है, जो पांच महत्वपूर्ण आंकड़ों तक बिलकुल सटीक है.
श्राप और वरदान का रहस्य क्या है ?

हम पौराणिक कथाओं में प्रायः यह पढ़ते-सुनते आये हैं कि अमुक ऋषि ने अमुक साधक को वरदान दिया या अमुक असुर को श्राप दिया।


जन साधारण को या आजके तथाकथित प्रगतिवादी दृष्टिकोण वाले लोगों को सहसा विश्वास नहीं होता कि इन पौराणिक प्रसंगों में कोई सच्चाई भी हो सकती है।

यदि विचारपूर्वक देखा जाय तो हम पाएंगे कि श्राप केवल मनुष्यों का ही नहीं होता,

जीव-जंतु यहाँ तक कि वृक्षों का भी श्राप देखने को मिलता है। वृक्षों पर आत्माओं के साथ-साथ यक्षदेवों का भी वास होता है।

स्वस्थ हरा-भरा वृक्ष काटना महान पाप कहा गया है। प्राचीन काल से तत्वदृष्टाओं ने वृक्ष काटना या निरपराध पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं को मारना पाप कहा गया है।

इसके पीछे शायद यही कारण है। उनकी ऊर्जा घनीभूत होकर व्यक्तियों का समूल नाश कर देती है।

चाहे नज़र दोष हो या श्राप या अन्य कोई दोष--इन सबमें ऊर्जा की ही महत्वपूर्ण भूमिका है।

किसी भी श्राप या आशीर्वाद में संकल्प शक्ति होती है और उसका प्रभाव नेत्र द्वारा, वचन द्वारा और मानसिक प्रक्षेपण द्वारा होता है।

रावण इतना ज्ञानी और शक्तिशाली होने के बावजूद उसे इतना श्राप मिला कि उसका सबकुछ नाश हो गया।
*🛕टूटी झरना, रामगढ़(झारखंड)*

*🛑झारखंड के रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा है जहां भगवान शंकर जी के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं माँ गंगा करती हैं। यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है। इस जगह का उल्‍लेख पुराणों में भी मिलता है।*


*🛑 झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है। मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जात है कि तब अंग्रेज इस क्षेत्र से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे।

पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें भूमि के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा। अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया।*

*🛑मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिव लिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली। प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है।*

सोर्स-टेलीग्राम चेनल-रोचक बाते

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• 3 hours on your most important project
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Defining a "productive day" is crucial.

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2. End the workday with a shutdown ritual

Create a short shutdown ritual (hat-tip to Cal Newport). Close your laptop, plug in the charger, spend 2 minutes tidying your desk. Then say, "shutdown."

Separating your life and work is key.

3. Journal 1 beautiful life moment

Delicious tacos, presentation you crushed, a moment of inner peace. Write it down.

Gratitude programs a mindset of abundance.

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Get exercise clothes ready for tomorrow. Upon waking up, jump rope for 2 mins. It will activate your mind + body.

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