• तारा- शिव के रुद्रावतार में दूसरा अवतार तार (तारा) नाम से प्रसिद्ध है।
शिव के रूद्रावतार ❤️
देवाधिदेव महादेव ने ग्यारह बार रूद्र अवतार लिया। जिनके उल्लेख निम्नवत् है-
• महाकाल- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पहला अवतार महाकाल को माना जाता है। इस अवतार की शक्ति माँ महाकाली मानी जाती हैं। उज्जैन में महाकाल नाम से ज्योतिर्लिंग विख्यात है।

• तारा- शिव के रुद्रावतार में दूसरा अवतार तार (तारा) नाम से प्रसिद्ध है।
• षोडश श्रीविद्येश- भगवान शंकर का चौथा अवतार है षोडश श्रीविद्येश। इस अवतार की शक्ति को देवी षोडशी श्रीविद्या माना जाता है। ‘दस महा-विद्याओं’ में तीसरी महा-विद्या भगवती षोडशी है,
•भैरव- शिव के पांचवें रुद्रावतार सबसे प्रसिद्ध माने गए हैं
• छिन्नमस्तक- छठा रुद्र अवतार छिन्नमस्तक नाम से प्रसिद्ध है। इस अवतार की शक्ति देवी छिन्नमस्ता मानी जाती हैं। छिनमस्तिका मंदिर प्रख्यात तांत्रिक पीठ है। दस महाविधाओं में से एक माँ छिन्नमस्तिका का विख्यात सिद्धपीठ
• द्यूमवान- शिव के दस प्रमुख रुद्र अवतारों में सातवाँ अवतार द्यूमवान नाम से विख्यात है। इस अवतार की शक्ति को देवी धूमावती माना जाता हैं। धूमावती मंदिर मध्यप्रदेश के दतिया
• बगलामुख- शिव का आठवाँ रुद्र अवतार बगलामुख नाम से जाना जाता है। इस अवतार की शक्ति को देवी बगलामुखी माना जाता है।
• हनुमान (संस्कृत: हनुमान्, आंजनेय और मारुति भी) परमेश्वर की भक्ति (हिंदू धर्म में भगवान की भक्ति) की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और