जय श्री राम जय श्री हनुमान 🚩🚩

आपने हनुमान चालीसा के महत्व एवं चमत्कारी असर के बारे में जाना हैं समझा है और शायद महसूस भी किया है लेकिन क्या आपने कभी श्री हनुमान बाहुक के बारे में सुना है?

इसकी संरचना कैसे हुई और किसने पहली बार इसका जाप किया, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। 👇🏻

आइए जाने:

संत तुलसीदास जी श्रीराम व हनुमान जी के परम भक्त थे। एकबार की बात है कलियुग के प्रकोप से उनकी भुजा में अत्यंत पीड़ा हुई, वे काफी बीमार पड़ गए।

उन्हें वात ने जकड़ लिया था, शरीर में काफी पीड़ा भी थी। पीड़ा भरी आवाज में उन्होंने हनुमान नाम का जाप आरंभ कर दिया।
👇🏻
अपने भक्त की पीड़ा देखते हुए हनुमान जी प्रकट हुए। तो पीड़ा व रोग निवारण के लिये तुलसीदास जी ने इस हनुमान बाहुक के पाठ की रचना की।

हनुमान बाहुक के 44 चरणों का पाठ हैं जिससे तुलसीदास जी के सभी शारीरिक कष्टों दूर हो गए। कोई भी प्राणी यदि विधि से इसका परायण करता है तो 👇🏻
हनुमानजी की कृपा से उसको शरीर की समस्त पीड़ाओं से मुक्ति मिलती हैं ।

हनुमान बाहुक के लाभ: यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि किसी भी रोग या दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें।
हनुमान बाहुक का पाठ भक्त को भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से भी दूर रखता है।

हनुमान बाहुक के पाठ से भक्त के आसपास एक रक्षा कवच बन जाता है, जिसके प्रभाव से किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति उसे छू भी नहीं सकती👇🏻
हनुमान बाहुक का पाठ करने के लिए आप हनुमान जी की एक तस्वीर लें। साथ ही श्रीराम की तस्वीर को भी उसके साथ रखकर, सामने बैठ जाएं। इसके बाद दोनों तस्वीरों के सामने घी का दिया जलाएं और साथ में तांबे के गिलास में पानी भरकर भी रख दें।
इसके बाद पूरी भक्ति भाव से हनुमान बाहुक का पाठ करें। जैसे ही पाठ समाप्त हो तो तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पी ले या जिस किसी के हित के लिए भी यह पाठ किया गया हो उसे पिला दें।

21-26 दिन तक इस तरह से पाठ करने से व्यक्ति सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से दूर हो जाता है।
केवल कष्ट होने पर ही नहीं, बल्कि रोजाना भी हनुमान बाहुक का पाठ अति शुभकारी है। श्री बालाजी आप सभी के कष्ट दूर करे और ये पाठ आपके लिए उत्तम फलदायी हो..।।

बोलो श्री हनुमान की जय
सियावर रामचंद्र की जय
संत श्री तुलसीदास की जय 🙌🏻🙌🏻

More from All

🌺श्री गरुड़ पुराण - संक्षिप्त वर्णन🌺

हिन्दु धर्म के 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण का हिन्दु धर्म में बड़ा महत्व है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद सद्गती की व्याख्या मिलती है। इस पुराण के अधिष्ठातृ देव भगवान विष्णु हैं, इसलिए ये वैष्णव पुराण है।


गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे कर्मों का फल हमें हमारे जीवन-काल में तो मिलता ही है परंतु मृत्यु के बाद भी अच्छे बुरे कार्यों का उनके अनुसार फल मिलता है। इस कारण इस पुराण में निहित ज्ञान को प्राप्त करने के लिए घर के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद का समय निर्धारित किया गया है...

..ताकि उस समय हम जीवन-मरण से जुड़े सभी सत्य जान सकें और मृत्यु के कारण बिछडने वाले सदस्य का दुख कम हो सके।
गरुड़ पुराण में विष्णु की भक्ति व अवतारों का विस्तार से उसी प्रकार वर्णन मिलता है जिस प्रकार भगवत पुराण में।आरम्भ में मनु से सृष्टि की उत्पत्ति,ध्रुव चरित्र की कथा मिलती है।


तदुपरांत सुर्य व चंद्र ग्रहों के मंत्र, शिव-पार्वती मंत्र,इन्द्र सम्बंधित मंत्र,सरस्वती मंत्र और नौ शक्तियों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
इस पुराण में उन्नीस हज़ार श्लोक बताए जाते हैं और इसे दो भागों में कहा जाता है।
प्रथम भाग में विष्णुभक्ति और पूजा विधियों का उल्लेख है।

मृत्यु के उपरांत गरुड़ पुराण के श्रवण का प्रावधान है ।
पुराण के द्वितीय भाग में 'प्रेतकल्प' का विस्तार से वर्णन और नरकों में जीव के पड़ने का वृत्तांत मिलता है। मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होती है, उसका किस प्रकार की योनियों में जन्म होता है, प्रेत योनि से मुक्ति के उपाय...

You May Also Like

The YouTube algorithm that I helped build in 2011 still recommends the flat earth theory by the *hundreds of millions*. This investigation by @RawStory shows some of the real-life consequences of this badly designed AI.


This spring at SxSW, @SusanWojcicki promised "Wikipedia snippets" on debated videos. But they didn't put them on flat earth videos, and instead @YouTube is promoting merchandising such as "NASA lies - Never Trust a Snake". 2/


A few example of flat earth videos that were promoted by YouTube #today:
https://t.co/TumQiX2tlj 3/

https://t.co/uAORIJ5BYX 4/

https://t.co/yOGZ0pLfHG 5/